95% सफलता को हार कैसे बोल दे ? chandrayaan 2 Mission Successful
हम असफल कैसे हो गए जब हम 95 % सफल हुए है | चाँद के दक्षिणी ध्रुव तक आज तक कोई देश नहीं पहुँच पाया और ना ही किसी ने इतनी हिम्मत दिखाई | ISRO अब एक साहस का नाम बन चूका है | पूरी दुनिया ने देखा की कैसे मात्र 2.1 किलोमीटर की दुरी पहले हमारा सम्पर्क विक्रम से टूट गया | इतनी सफलता किसी और देश ने अर्जित नहीं की | ये वही देश है जो विश्व गुरु था और बहुत जल्दी फिर से विश्व गुरु बनने के कगार पर खड़ा है | हौसला ना हारो , फिर से बढ़ो , हम भारतीय है , वो कर दिखते है , जो लोग सोच भी नहीं सकते |
मात्र 2.1 किलोमीटर :-
चाँद से पृथ्वी की दुरी 3,84,400 किलोमीटर है | हर चीज़ एक डीएम सामान्य थी लेकिन चाँद की सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर की दुरी से पहले हमारा सम्पर्क टूट गया | यदि हम इसका गणित देखे तो हम केवल 0.00054630593 % ही दूर रहे |
चंद्रयान 2 :-
चंद्रयान 2, जिसे 22 जुलाई को लॉन्च किया गया था, ने शनिवार के मद्देनजर सुबह 1:43 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास टचडाउन का प्रयास किया। विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने का प्रयास कर रहा था, जहां कोई अन्य मानव निर्मित मिशन पहले नहीं गया।
मोदी बढ़ाया हौसला :-
इस ऐतिहासिक प्रयास के दौरान वैज्ञानिकों को हौसला नहीं खोने और उनकी उपलब्धि के लिए धन्यवाद देते हुए, पीएम मोदी ने कहा, “यह एक छोटी उपलब्धि नहीं है और देश को आप पर गर्व है। यदि संचार फिर से शुरू होता है, तो मिशन हमें बहुत सारी जानकारी देने में सक्षम होगा। अच्छे की कामना करते है।"
और कुछ अपने ही देश का मजाक बनाते लोग :-
इतनी मेहनत और उपलब्धि के बाद जंहा पूरा देश ISRO के साथ खड़ा है , वंही कुछ लोग हंसी उड़ा रहे है | क्या ये देश से गद्दारी नहीं | क्या ऐसे लोग इस देश में रहने लायक भी है ? अरे हम हारे नहीं है , अभी तो पूरा आकाश हमारी राह देख रहा है | फिर ये जयचंद किस बात की ख़ुशी में जुटे है |
आज लिखना बहुत कुछ चाहते है , लेकिन शब्दों को विश्राम दे रहे है | ये देश रहना चाहिए | जय हिन्द |
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