भारी भरकम जुर्माने के आखिर क्या मायने है ?? The Motor Vehicles (Amendment) Bill, 2019
हाल ही में भारत सरकार ने नया मोटर व्हीकल कानून लागु किया है | इस नियम के लागु होते ही जुर्माने की राशि 10 से लेकर 50 गुणा तक कर दी गई है | लोग सोशल मीडिया पर इस कानून का खूब मजाक उड़ा रहे है | पर क्या इस नए बिल से वाकई कुछ बदलाव देखने को मिलेगा ? क्या ये बिल भारतीय जनता के मूड में कुछ बदलाव ला पायेगा ? क्या जनता इतना भारी भरकम जुर्माना देने के लिए तैयार है ? क्या अब टालमटोलू जनता देश के प्रति अपने कर्तव्य निभाएगी ? The Motor Vehicles (Amendment) Bill, 2019
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credit - Business Today |
जुलाई में पास हुआ बिल :-
बीती जुलाई को पार्लियामेंट में सरकार ने नया कानून पेश किया जो की पास हो गया | इस नए कानून को पास करने से पहले 2018 के मोटर व्हीकल कानून में कुछ संसोधन किये गए | इन संसोधनो का मुख्य उद्देश्य लोगो को ट्रैफिक नियमो का कठोरता से पालन करवाना था | चूँकि इस साल सड़क हादसों में होने वाली मौतों में अत्यधिक बढ़ावा दर्ज किया गया था | इसे देखते हुए परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने पिछले ही साल कानून में बदलाव के निर्देश दिए थे |
नियमो का मजाक उड़ाती सोशल मीडिया वाली जनता :-
नए कानून के पास होते ही सोशल मीडिया वाली जनता एका-एक बिस्तर छोड़ जाग गई | हर किसी को इस नए कानून का मजाक उड़ाते हुए देखा जा सकता है | लोग फेसबुक से लेकर इंस्टाग्राम पर Meme बनाकर शेयर कर रहे है | यहाँ तक की इस लेख के रचियता भी पीछे ना रह पाए | इस बिल का मजाक इतना उड़ाया जा रहा है की इस अकेले कानून के बारे में हज़ारो Meme बन चुके है |
20,000 की बाइक का बना 23,000 का चालान ;-
सोशल मीडिया और न्यूज़ मीडिया तब हावी होती देखी गई जब एक बाइक का चालान उसकी कीमत से ज्यादा का कटा | दरअसल मीडिया में फैली न्यूज़ की माने तो गुरुग्राम पुलिस ने दिल्ली के एक आदमी का चालान 23000 का बनाया | जब बाइक की कीमत (पुरानी बाइक) का अंदाजा लगाया गया तब मालूम हुआ की बाइक तो केवल 20000 हज़ार की ही थी | ऐसे में लोगो ने सोशल मीडिया के जरिये खूब हँसी ठिठोली की |
बिल का मकसद लोगो में बदलाव लाना ;-
एक कहावत तो आपने भी सुनी होगी की " लातो के भूत बातो से नहीं मानते | " वाकई भारतीय जनता पर ये बात सटीक बैठती है | गुलामी की जंजीरो से निकलने के बाद से ही हमें बदलाव की सख्त जरुरत थी | लेकिन शायद ही किसी सरकार ने ये सोचा होगा | चूँकि भारतीय जनता तब तक ठीक से काम नहीं करती जब तक कठोर कानून नहीं लाया जाये |
क्या आप अपनी सुरक्षा क्वे लिए हेलमेट नहीं पहन सकते ? क्या आप अपनी गाड़ी को जिम्मेदारी से नहीं चलाना चाहते |क्या आप दारू पीकर गाड़ी से किसी की जान लेना चाहते है ? या क्या कभी लाइसेंस , गाड़ी के डॉक्यूमेंट , हेलमेट होते हुए भी किसी ने आपको पकड़ा ? नहीं ना |
कानून को कठोर आपकी सुरक्षा के लिए ही किया गया है | यदि जनता इस कठोर कानून और इसके जुर्माने के डर से अपने आप में बदलाव लाती है तो ये हमारी ही जीत है | इसके अलावा हम इस कानून को एक प्रैक्टिकल के तौर पर भी देखे तब भी हमें इसका पालन करना चाहिए | हर किसी के घर में माँ , बाप , भाई , बहिन उसका इंतज़ार करते है| एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमें इसका पालन करना चाहिए |
तुम भी जागो सरकार :-
मात्र जनता के लिए कानून नियम बना देना एक संवैधानिक सरकार को कतई शोभा नहीं देता | सरकार को चाहिए की इस नए बदलाव मे देश की छवि में भी बदलाव लाया जाये | जिस जनता से टैक्स लिया जाता है , वो भी अच्छी सुविधाओं की हकदार है | सड़को की बिगड़ी हालत से लेकर उनपर रात में रौशनी की भी व्यवस्था की जानी चाहिए | हालाँकि सड़को का काम निरंतर चल रहा है , फिर भी अभी तक सड़को की स्थिति उतनी ठीक नहीं है |
खेर अब देखना ये है की जनता कैसे इस बदलाव को अपनाती है और कैसे ट्रैफिक पुलिस वालो कि जेबे अब भरनी बंद होगी | उम्मीद तो यही की जानी चाहिए की बदलते भारत की जनता भी बदले और अपने देश की तरक्की में हिस्सेदार बने |
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