Thursday, April 11, 2019

100 साल बाद माफ़ी नहीं केवल अफ़सोस क्यों ?

100 साल बाद जलियांवाल बाग पर ब्रिटेन ने केवल अफ़सोस जताया , माफ़ी नहीं मांगी। 

जलियांवाला बाग़ हत्याकांड की 100 वीं  बरसी पर ब्रिटेन सरकार ने अपने इस खूंखार कृत्य के लिए अफ़सोस जरूर जताया लेकिन माफ़ी फिर नहीं मांगी | इससे पहले ब्रिटेन की महारानी और पूर्व PM कैमरन ने भी केवल अफ़सोस जताया पर माफ़ी नहीं मांगी | ब्रिटिश सरकार इसे इतिहास का सबसे बड़ा दाग बताया | प्रधानमंत्री टेरेजा ने बुधवार को संसद में ये बात कही | 

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बुधवार को जलियांवाला बाग नरसंहार की 100 वीं बरसी पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरेजा संसद को सम्बोधित कर रही थी | उन्होंने कहा " उस समय लोगो को जो पीड़ा हुई ,उसका हमें खेद है | " 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में ये नरसंहार हुआ था | 

माफ़ी क्यों नहीं मांगी जा रही है ?

 ब्रिटिश सरकार को इस बात का डर है की यदि इस मुद्दे पर माफ़ी मांगी गई तो हो सकता है इसमें जान गवाने वाले लोगो के परिवार वाले मुआवजे की मांग कर सकते है | इसके चलते वित्तीय परेशानी का सामना करना पड़ सकता है | यदि मुआवजे की मांग की जाती है तो सरकार पर वित्तीय बोज बढ़ेगा | 

कितने लोगो ने अपनी जान गंवाई थी ?

13 अप्रैल 1919 को हज़ारो लोग अमृतसर के जलियांवाला बाग में एकत्रित हुए थे | जनरल डायर ने बिना किसी चेतावनी के ही भीड़ को चारो ओर से घेर कर उनपर गोलियों की बौछार करवा दी जिसमे 1000 आस-पास लोगो की जान चली गई चली गई और 1500 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे | 

विपक्ष ने भारत के पक्ष में माफ़ी मांगने को कहा  

विपक्ष में बैठे लेबर पार्टी ने मांग की है की इतिहास में हुई इस भूल के लिए ब्रिटिश प्रधामंत्री को भारत से माफ़ी मांगनी चाहिए | विपक्षी नेता ने कहा है की हमें इस कृत्य के लिए के लीये स्पष्ट रूप से माफ़ी मांगनी चाहिए |


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